

निवाड़ी। मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन धरोहर गढ़कुण्डार में महाराजा खेतसिंह खंगार जयंती के पावन अवसर पर आयोजित गढ़कुण्डार महोत्सव 2025 का शुभारंभ शनिवार को भव्य एवं गरिमामय वातावरण में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन अध्यक्ष, मध्यप्रदेश विधानसभा नरेन्द्र सिंह तोमर ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। समारोह की अध्यक्षता सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री तथा निवाड़ी जिले के प्रभारी मंत्री नारायन सिंह कुशवाह ने की।
शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि श्री तोमर ने माता गजानन एवं वीर शासक महाराजा खेतसिंह खंगार के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कन्या पूजन कर विधिवत गढ़कुण्डार महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गढ़कुण्डार का ऐतिहासिक किला परिसर पारंपरिक सजावट, रोशनी एवं लोकसंस्कृति के रंगों से सराबोर नजर आया।
लोकसंस्कृति हमारी पहचान : श्री तोमर
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकसंस्कृति और ऐतिहासिक विरासत किसी भी समाज की आत्मा होती है। गढ़कुण्डार जैसे आयोजन हमारी गौरवशाली परंपराओं को जीवित रखते हैं और नई पीढ़ी को अपने इतिहास से जोड़ने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि महाराजा खेतसिंह खंगार का योगदान बुंदेलखंड के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है और ऐसे आयोजनों से उनके शौर्य एवं बलिदान को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।
सरकार संस्कृति संरक्षण के लिए संकल्पित : प्रभारी मंत्री कुशवाह
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी मंत्री नारायन सिंह कुशवाह ने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। गढ़कुण्डार महोत्सव केवल एक उत्सव नहीं बल्कि बुंदेलखंड की सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से इस महोत्सव में सहभागिता करने का आह्वान किया।
जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी रहे उपस्थित
महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर विधायक निवाड़ी श्री अनिल जैन, पृथ्वीपुर डॉ.शिशुपाल यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
प्रशासनिक स्तर पर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिडे, पुलिस अधीक्षक डॉ. राय सिंह नरवरिया, सीईओ जिला पंचायत रोहन सक्सेना, एसडीएम सुश्री मनीषा जैन एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
तीन दिन, संस्कृति के अनेक रंग
मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के तत्वावधान एवं जिला प्रशासन निवाड़ी के सहयोग से 27 से 29 दिसंबर 2025 तक आयोजित इस तीन दिवसीय महोत्सव में प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी जा रही हैं।
पहले दिन बुंदेली लोकगायन, आल्हा गायन एवं भक्ति संगीत की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों की प्रस्तुतियों पर दर्शकों ने तालियों के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
दूसरे दिन पारंपरिक लोकनृत्य, आल्हा गायन एवं महाराजा खेतसिंह के इतिहास पर आधारित गायन प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि
तीसरे दिन लोकनाट्य वीरांगना केसरदेई का मंचन एवं सुगम संगीत की प्रस्तुति होगी।
इतिहास और पर्यटन को मिल रहा बढ़ावा
गढ़कुण्डार महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2006 में की गई थी। तब से यह आयोजन बुंदेलखंड क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। तीन दिवसीय मेले में स्थानीय हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन एवं लोककलाओं का प्रदर्शन भी किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय कलाकारों एवं कारीगरों को प्रोत्साहन मिल रहा है।
आमजन से सहभागिता की अपील
प्रशासन द्वारा जिलेवासियों, पर्यटकों एवं संस्कृति प्रेमियों से अपील की गई है कि वे गढ़कुण्डार महोत्सव में शामिल होकर बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का साक्षी बनें और इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाएं।













